अब सबका इलाज पुष्कर सिहं धामी के हाथ मोबाइल फोन नहीं उठाते सरकारी विभाग एवं सरकारी एंजेसिया, लपरवाही की हद पार।
उत्तराखंड की जनता का अपने लाल से गुहार, प्रदेश के मुख्यमंत्री तुरंत कार्यवाही करते हैं, परंतु अधिकारी बात तक करने को तैयार नहीं, औदों पर बैठे कुछ ऐसे अधिकारी जो सीधे मुॅंह तक बात नहीं करते, सरकार द्वारा दिये गये मोबाइल फोन तक नहीं उठातें हैं। सरकार ने जो मोबाइल फोन या कार्यालय में लगे फोन दिये हैं उनका नम्बर तो चलता है घंटी बजती रहती है परन्तु कोई कितना भी फोन कर ले या मैसेज कर दें, लेकिन कोई भी अधिकारी ना तो फोन उठाता है ना ही मैसेज देखता है, प्रदेश की गरीब जनता बदहाल व परेशान हो गयी है किसी के भी कानों पर एक भी जूॅं नहीं रेंगती है, जबकि चौकी, थानों, सरकारी सभी विभागों, के बोर्ड पर बड़े अंको में नम्बर दर्ज होता है, प्रदेश की जनता अब अपने मुख्यमंत्री का जलवा देखने के लिए बेताब है, कैसे वो कुछ ऐसा जादू चलाये कि मोबाइल की घंटी या मेसेज पहुँचते ही अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का तुरंत एहसास हो और हरपल अपनी जिम्मेदारी को बखूबी समझें अधिकारी लापरवाही करने पर उस अधिकारी को सख्त सजा का भी प्रावधान तय करें। जिससे प्रदेश की जनता का विश्वास अपने लाल पर बना रहे और वह अपनी जनता का विश्वास जीत सके, जनता की नजर इस काम पर बराबर टिकी रहेगी यदि मुख्यमंत्री द्धारा जल्द से जल्द सभी अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास करा पाए तो बहुत से मसलों के हल तुरंत हो जायेंगें यह तभी सम्भव है जब मुख्यमंत्री का डंडा तेजी से चलेगा। मोटी तनखाह, लकजूरियस गाड़ी, दिमाग में केवल घमंड का सवार होना,उॅंची शानदार इमारत में बैठना खुद को मुख्यमंत्री से कम नहीं समझना, जनता के सेवक नहीं जनता को नौकर, कूडा कचरा समझना यह आज कल का फैशन सा बन गया है। इन सबका एक ही इलाज है, प्रदेश के कर्मठ मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी। जलवा देखना बाकी है।
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