शिक्षा विभाग विकासनगर के शतेनन्द्र सिहं रावत ने अपने सभी साथियों को महत्वपूर्ण सदेश देते हुए कहा प्रकृति और संस्कृति का आपसी संबंध है, चिंता जताते हुए उन्होंने प्रकृति को बचाये रखने एवं संजोय रखने का सदेश दिया, आने वाली भावी पीढ़ियों को विरासत में हमारे द्धारा अमूल्य धरोहर मिल सकती है। वृक्षों का रोपन करके हमारे द्धारा हम अपनी भावी पीढ़ियों को सुरक्षित कर सकते हैं, उनहोंने अपना संदेश अंग्रेजी में लिखकर सभी लोगों तक पंहुचाया, और अपने विचारों द्धारा यही संदेश दिया हर कोई दो वृक्ष लगाये और अपना और आने वाली भावी पीढ़ियों को बचाये, कम से कम दो पेड़ जरूर लगाये और चारों तरफ हरियाली उगाये।
एक शिक्षक के विचारों से ज्ञात होता है कि शिक्षा का कितना महत्व है हमारे जीवन में, जल, जंगल, वृक्ष, नदी, पहाड़, प्रकृति, और हमारी सभ्यता एवं संस्कृति का आपसी तालमेल कितना अधिक है।
जियो और जीने दो का नारा बिलकुल सही है हमें अपना और अपनी भावी पीढ़ियों को सुरक्षित करना है। आओ हम सब मिलकर वृक्ष लगाये।