क्षेत्र के बड़े बड़े स्कूलों ने धंधा बना लिया एडमिशन टाइम पर नेताओं को बुलाकर पब्लिसिटी करवाते हैं वहीं सच्चाई जानेंगे तो आपके होश उड़ जायेगें कहीं ना कहीं उन्हीं नेताओं का पैसा उन स्कूलों में लगा होता है और दूसरी और माता पिता से खेलों के नाम पर एवं अन्य सुविधाओं के नाम पर एवं पब्लिसिटी करवाने के लिए क्षेत्र के बड़े बड़े सम्मानित नेताओं को बुलाया जाता है मगर असलियत इसके बिल्कुल विपरीत होती है , बच्चों के लिए खेल के नाम पर फोरमेलटी करते हैं वहीं कोच नहीं है पढाई में भी फिसड्डी है माता पिता पर दवाब बनाऔते हैं घर पर पढाओं और अपनी जान बचाते नजर आते हैं बस अखबारों में आए दिन अपने खेल कूदों के बड़े बड़े पोस्टर और होर्डिंग छपवाते है और लगवाते है एक धंधा बना दिया है जब तक सभी माता पिता अपनी आवाज इनके खिलाफ बुलंद नहीं करेंगे तबतक यह नहीं सुधरेंगे हिम्मत किजिए और आपकी मेहनत के पैसों का सही जगह इस्तेमाल कीजिये बड़े बड़े स्कूलों का नाम सुनकर मत भागिये 3000 हजार बच्चों में से केवल 2 या चार बच्चों की फोटो छपती है अब तो यहाँ तक होने लगा है बोर्डो को अपने स्कूल का नाम करने के लिए मोटी रकम पहुंवा दी जाती है। कि उनके स्कूल के बच्चे टोप करें तो शिक्षा का मजाक बना कर रख दिया गया है तभी तो अपने पडोस में बच्चों को देख लिजीए बड़े बड़े कोर्स करके गलियों में धकें खा रहे हैं। तो कृपया सावधान हो जाए चम्मचा गिरी बंद करें और अपने एक अच्छे समाज की कामना करें।
प्रदेश के सम्मानित नेताओं का फायदा उठाते हैं स्कूल उनको बुलवाकर पब्लिसिटी करवाते हैं स्कूल धंधा बना दिया है।
