अपनी तो अपनी दूसरों की जान को भी खतरे में डालते हैं यह रील बनाने वाले, कई हादसों के बाद भी कोई रोक नहीं।
आज की नई पीढ़ी इतनी ज्यादा होनहार हो गयी है कि वह अपने बारे में सब कुछ सोच सकती है परन्तु सोसलमिडिया के मामले में वह अपने और दूसरों के जीवन की कोई परवाह नहीं करती, आज उन्हें केवल आजादी के मायने इतने ही पता है कि केवल मौज मस्ती। आपने अक्सर रील बनाने वालों को देखा होगा, वह कितनी लापरवाही से रील बनाते हैं, इतने हादसे सड़क पर, नदियों के पास, पहाड़ पर व ऐसी जगहों पर जहाँ संवेदनशीलता होती हैं। वह तो अपना व दूसरों को नुकसान पहुंचाते ही हैं। पीछे छोड़ जाते हैं उनके गम में रोते बिलखते प्रिय जनों को, अगर सरकार अभी भी नहीं जागी तो बहुत जिंदगियों को नुकसान होगा, एक सख्त कानून की जरूरत है साथ ही साथ प्रचार- प्रसार की। स्कूल, काॅलेज, विश्वविधालय और ऐसे संस्थानों की जहाँ उन्हें समझाया जा सके। इस तरह कई जिंदगियां बचाई जा सकेगी और लोगों की भलाई के साथ ही साथ समझ भी पैदा होगी। केवल सरकार पर ही सब कुछ नहीं छोडना चाहिए बल्कि खुद को भी सोचना चाहिए कि हम हमारे द्धारा करते क्या है?