हम बने तुम बने एक दूजे के लिए, वन बने हम बने एक दूजे के लिए, क्या करे कि ना करे ये कैसी मुश्किल हाय। कोई तो बताय इस कांक्रीट का हल तो मेरे भाई।
आजकल देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के चक्कर में कांक्रीट का जाल बिछाया जा रहा है, जहाँ एक तरफ विकास भी जरूरी है वहीं हमारा जीवन भी जरूरी है, मगर पिछले दिनों गर्मी को देखते हुए यह एहसास हुआ कि विकास से अच्छा अपना जीवन बचाना है, इतनी गर्मी में लोगों की तबियत खराब हुई और तभी सभी को यह समझ में आया कि जंगलों को बचाना कितना जरूरी है।
देहरादून में पर्यावरण प्रेमियों ने मुख्यमंत्री का ध्यान इस विषय की तरफ खींचा और नारे लगाये होश में आओ होश में आओ हमारा जीवन भी बचाओ। एक तरफ हम पेड़ों को लगाने का प्रयास कर रहे हैं वहीं, दूसरी ओर पेड़ों को काटने का काम तेजी से फैल रहा है। उत्तराखंड की जनता सीधी सादी है और जल, जंगल, जमीन से जुड़ी है।