Close

दुनिया का सबसे अनमोल होता है माँ का ऑंचल, अद्भुत और अनोखा है सरधना की कृपाओं की माता का ऑंचल जो माँगा वही मिलता है, मेरठ

ताजमहल जो विश्व में अपनी एक पहचान रखता है, उसकी खूबसूरती के समान है, सरधना चर्च की ऐतिहासिक इमारत जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है मगर माता मरियम का अनोखा प्यार और चमत्कार पूरी दुनिया से लोगों को खींच लाता है।  

ईसाई धर्म का एक अदभुत चमत्कारी तीर्थ स्थल है सरधना चर्च जहाँ लोग अपने आप खींचे चले आते है, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैनी, बुद्धिष्ट, व अन्य धर्म के लोग माता मरियम की शरण में पहुँचते हैं। बिना भेदभाव के लोग माता मरियम से मन्नत मांगते है और  अदभुत चमत्कार भी पाते हैं, मन्नत पूरी होने पर सरधना चर्च आते हैं और अपनी मन्नत पूरी करते हैं। जिस प्रकार आगरा के ताजमहल की नकाशी की गयी है उसी समान सरधना चर्च की भी, संगमरमर के पत्थर, ईटली से मंगाये बुत, नक्काशी और कीमती पतथरों का इस्तेमाल किया गया है। मेरठ की शान कहा जाता है सरधना चर्च को जो पूरी दुनिया का ध्यान अपनी और खींचता है और अपने चमत्कारों से लोगों को हैरान करता है, दिल‌से माँगी गयी दुआ कबूल होती है कोई भी माता मरियम के दरबार से कभी खाली नहीं लोटा, ऐसी आस्था लोगों द्वारा माता मरियम में देखने को मिलती है पिछले कई सालों में माता मरियम के दर्शनों के लिए लाखों में भीड़ उमड़ी है। देखने को ही बनता है माता मरियम में हर धर्म के लोगों की आस्था कितनी अधिक है। पास ही है रानी बेगम सुमरु का महल जो सेंट चार्ल्स इण्टर कॉलेज, सरधना मेरठ के नाम से विख्यात है साथ ही साथ सेंट गेबरियल (एस जी) मोनफोर्ट बरर्द प्रशिक्षण केन्द्र है।

ईसाई सेमिनरी जहाँ नव शिक्षित युवाओं को प्रशिक्षण देकर पुरोहित के लिए तैयार किया जाता है, कैथलिक चर्च को देखने के लिए लोगों में बहुत दिवानगी पायी जाती है, इसका निर्माण 1809 में शुरू किया गया एवं चर्च बनकर तैयार हुआ 1822 में, जयपुर से संगमरमर का पत्थर लाया गया। सेवा के लिए कैथलिक पुरोहित, धर्म बहनें, धर्म भाईयों, एवं क्षेत्रिय ईसाई लोगों द्वारा चर्च की सेवा की जाती है। नवम्बर महीने के दूसरे रविवार को सरधना चर्च में एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों की भीड़ उमड़ती है प्रशासन के भी पसीने छूट जाते हैं व्यवस्था संभालने में देश- विदेश से लोग माता मरियम के दर्शनों के लिए टूट पड़ते हैं, ऐसी अदभुत अनोखी आस्था है लोगों की माता मरियम में इसलिए उन्हें सरधना की मॉं कहा जाता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a comment
scroll to top