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डॉ. अमित कुमार (जाॅन) रत्न टाटा जी को अपना आदर्श मानते है, जल्द ही उनसे मिलने की योजना तैयार की जा रही थी।

डाॅ. अमित कुमार( जाॅन) ने बताया कि जब उन्हें पहली बार रतन जी टाटा के बारे में और उनके कामों के बारे में पता चला तो वह ऐसे व्यक्तितव से बहुत प्रभावित हुए और उन्हें दिल ही दिल में अपना आदर्श मानने लगे और उनके बारे में बहुत कुछ पढ़ना और समझने लगे और जब जीवन में पहली बार उन्हें गाड़ी खरीदने का मौका मिला तो उन्होंने टाटा की ही गाड़ी खरीदी और नमक तो टाटा का ही खाया अपने आदर्श से हमेशा मिलना चाहते थे कुछ परिस्तिथियों के कारण नहीं मिल सके, डॉ. अमित कुमार( जाॅन) भी भारत सरकार से यह उम्मीद करते है और प्रार्थना भी करते है कि भारत सरकार रतन टाटा जी की जीवनी किताबों में शामिल करें जिससे भारत माता के सभी पुत्र और पुत्रियाँ उनके जीवन से प्रभावित होकर अपने देश और समाज के लिए कुछ अच्छा कर सके जय हिंद जय भारत के साथ आखें नम हुई और एक श्रृद्धांजलि के साथ हृदय द्रवित हो उठा अपने आदर्श और हीरो को दिल में बसाकर डाॅ. अमित कुमार (जाॅन) अपने देशवासियों और समाज की सेवा में अपना जीवन बिताना चहाते है रतन जी टाटा के पद चिन्हों पर चलने का प्रयास जरूर करेंगे जो केवल अपने देश और समाज की सेवा हो।

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