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डाॅ.अमित कुमार (जाॅन) ने बताया शिक्षा का स्तर और शिक्षकों का पढा़ने का तरीका बिल्कुल सही नहीं बड़े -बड़े नामचीन और माध्यम स्कूलों का भी बुरा हाल 100 में से 95 नंबर देकर अपने स्कूलों का नाम बचा रहे।

आज विधालयों में बच्चों को पढा़ने की जगह नंबर देकर पास करना भारी पढ़ रहा है वहीं बच्चों ने भी पढ़ना छोड़ दिया है साथ ही साथ विधालयों में शिक्षकों को बस कोर्स पूरा करने में और एग्जाम करवाकर पास करने का इतना प्रेशर है कि शिक्षक तरीकों का नहीं बल्कि कोर्स पूरा करने में मजबूर है वहीं इसी कारण बच्चों को नहीं आता जाता अगर आता है तो बस रटारटाया या फिर जो ट्यूशन पढ़ते हैं अगर किस्मत से अच्छा ट्यूशनर मिल जाए या जिनके घर के लोग पढे लिखे हैं मगर उनको आता जाता हो आजकल पढें लिखों को भी नहीं आता बस ट्यूशनर ढूंढ ते है वहीं डाॅ. अमित कुमार (जाॅन) ने बताया और भी बहुत कुछ है जो माता पिता से छुपाया जाता है भारी भरकम फीस वसूली जाती है अक्सर आपने देखा होगा पेरेंट्स मिटिंग में टीचर अभिभावकों पर डोमिनेंट रहते हैं मगर कहीं ना कहीं घर पर बच्चों को नहीं पढाना भी एक ऐसी सच्चाई है कि कब तक अधयापक पढायेगा कक्षा में एक टीचर और 70 से 80 बच्चें कैसे पढायेगा मगर डाॅ. अमित कुमार (जाॅन) ने बताया उन्होंने पिछले कई सालों में इन सभी समस्याओं का समाधान खोजा और उस दिशा में लगातार प्रयासरत है यदि किसी भी विधालयों को डाॅ. साहब की सेवा लेना चाहते हैं तो संपर्क करें 9084977596 पर।

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