बिना अनुमति अब नहीं लगा सकते बोरवेल यदि किया उल्घंन तो झेलना पडे़गा कानूनी तामझाम होगी बहुत सिर दर्दी और फजीहत। उत्तराखंड राज्य में भूजल का अंधाधुंध दोहन रोकने का कानून आ गया है, जल संस्थान द्वारा अब कानूनी कार्यवाही की तैयारियाॅं तेज हो गयी है। प्राइवेट स्कूलों, होटलों, हास्पिटलों, या अन्य प्राइवेट जगहों पर अब बिना अनुमति के कोई भी बोरवेल नहीं खुदेगा। कृषि को इस नियम से अलग रखा गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने यह शाबित किया है यदि वह कोई भी निर्णय ले तो उसे अमली जामा पहनाने में कोई देर नही लगती इच्छा शक्ति हो तो कुछ भी संभव है ऐसा ही आजकल प्रदेश के मुख्यमंत्री शाबित कर रहे हैं। वह अपनी प्रदेश की जनता की भलाई के लिए ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। जनता का विश्वास उनमें जाग रहा है, अभी तो ली अंगड़ाई है बाकी और लडा़ई है यह कहावत तभी सार्थक होगी जब सच में प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी जनता का विश्वास और मजबूत करेंगे। जल, जंगल हमारे प्रदेश के लिए महावरदान है जिनकी रक्षा स्वयं हमें करनी है। हर उत्तराखंड के निवासी की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने बच्चों के भविष्य के लिए सब कुछ संजोकर रखें केवल यह सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है, सरकार हमारी सुरक्षा के लिए कानून बनाती है जिससे आने वाला भविष्य सुरक्षित रह सकें।
उत्तराखंड में अब नहीं लग सकेगा प्राइवेट ट्यूबवेल, जल संस्थान ने किया लागू नया नियम उल्घंन करने पर कानूनी कार्यवाही के साथ जबत होगा।
