आज के इस परिवेश में अपना जीवन दूसरों की सेवा के लिए एवं ईश्वर के लिए समर्पित करना इतना आसान नहीं है, सन्यासी जीवन को बहुत सारी समस्याओं एंव कठिन परिश्रम और त्याग से गुजरना पड़ता है, केवल यह समझना की जीवन आसान है यह केवल एक अज्ञानता का परिचय है, भारत देश में स्कूल, अस्पताल, अनाथालय, बरोजगारो के लिए प्रशिक्षण, मानसिक असाइलम, जेल में कैदियों की सेवा, यूनिवर्सिटी, विधालय, काॅलेज, विभिन्न प्रकार की सेवाओं में अपना अमूल्य योगदान देते हैं, ईसाई मिशनरियों द्वारा अपने भारत देश की सेवा में लीन अधिकतर भारतीय मूल के निवासी ही है जो अपने देश सेवा और मानव सेवा के लिए कार्य करते हैं। ईसाई मिशनरियों का जीवन उनकी शिक्षा और प्रशिक्षण बहुत कठिनाइयों से होकर गुजरता है, सुबह जल्दी उठकर, प्रार्थना करने के उपरांत, अपने दैनिक जीवन एवं कार्यो के साथ ही साथ दूसरों के लिए समय निकालना और उनकी समस्याओं के लिए प्रार्थना करना और प्रेम और भाईचारे का संदेश देना ही उनका दैनिक कार्य है, भारत देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी भी ईसाई धर्म गुरु पोप से मिलकर भारत लोटे वहाँ उन्होंने ईसाई धर्म की सेवा की भी चर्चा की और मानव सेवा और भाईचारे के लिए भी प्रशंसा की। जगह जगह सर्व धर्म सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है जिससे शांति, प्रेम, सौहार्द बना रहे एवं मानव और मानव समाज की सेवा की जा सके इसी उद्देश्य के साथ एक जीवन जिया जाता है।
इतना आसान नहीं होता अपना परिवार त्याग कर मानव सेवा करना, ईसाई मिशनरियों द्वारा अपने देश और समाज के लिए अपने जीवन का त्याग अमूल्य है।
